Har Roz Kaha Har Roz Suna

हर रोज़ कहा, हर रोज़ सुना
एक बात ना पूरी हो पाई, हो पाई
हर रोज़ कहा, हर रोज़ सुना
एक बात ना पूरी हो पाई, हो पाई
हर रोज़ कहा...

दिल दे भी चुके, दिल ले भी चुके
दिल दे भी चुके, दिल ले भी चुके
सौग़ात ना पूरी हो पाई, हो पाई
हर रोज़ कहा...

आकाश में जैसे चाँद बढ़ा
आकाश में जैसे चाँद बढ़ा
बढ़ती ही गई मन की आशा
सागर छलका, धारा निकली
फिर भी ये जीवन है प्यासा

छाई थी घटा, पानी बरसा
बरसात ना पूरी हो पाई, हो पाई
हर रोज़ कहा...

उठती ही रही मगर ये लहर
उठती ही रही मगर ये लहर
कुछ कम ना हुई चाहत दिल की
पा कर भी तुम्हें ये दिल ना भरा
कुछ और बढ़ी हसरत दिल की

शहनाई बजी, और रात सजी
बारात ना पूरी हो पाई, हो पाई
हर रोज़ कहा...



Credits
Writer(s): Timir Baran, S K Pal, Indeewar
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