Andheron Mein Rishtey

उबलते हैं ख़्वाब बनके साज़िशें
चेहरे पे दोस्ती दिल में रंजिशें
आँखों की क़ैद में रहती हसरतें
अँधेरों में रिश्ते चल रहे

हर शक़्स पौधा ज़हर का बो रहा
हाथों को अपने लहू से धो रहा
नफ़रत का शोला दिलों में सो रहा
हाँ फिर भी प्यार कैसे हो रहा?
माने ना कोई, कोई बंदीशें
अँधेरों में रिश्ते चल रहे

मीठी हँसी में छुप्पी है एक दग़ा
धोखे में लिपटी हुई है हर अदा
क्यूँ ढूँढते हो शहर में तुम वफ़ा?
हाँ, फिर है उम्मीदें क्यूँ जवाँ?
उलझती हर घड़ी सबकी ख्वाहिशें
अँधेरों में रिश्ते चल रहे

उबलते हैं ख़्वाब बनके साज़िशें
चेहरे पे दोस्ती दिल में रंजिशें
आँखों की क़ैद में रहती हसरतें
अँधेरों में रिश्ते चल रहे



Credits
Writer(s): Sandeep Nath, Rana Mazumder
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