Tu Itni Pagli Kyun Hai (From "Kisna: The Warrior Poet")

एक बात बता, हो-हो-हो
एक बात बता...

जब तू मुझको मिलती है, हर बार नई लगती है
कभी बेहद शरमाती है, कभी बिल्कुल इतराती है
हर बार ये दिल कहता है, तू बदली-बदली क्यूँ है
एक बात बता दे मुझको, तू इतनी पगली क्यूँ है?

जब तू मुझको मिलता है, दिल काँपता है, हिलता है
कभी रोकता तू रस्ता है, कभी दूर से ही तकता है
कभी मुझसे तू कहता है, "ये आँचल ढलका क्यूँ है?"
एक बात बता दे मुझको, तू इतना पगला क्यूँ है?

देखे तू क्यूँ मुड़-मुड़ के? बिखरे लट क्यूँ उड़-उड़ के?
देखे तू क्यूँ मुड़-मुड़ के? बिखरे लट क्यूँ उड़-उड़ के?
नैनों से नैनों का नाता...
नैनों से नैनों का नाता टूटता है क्यूँ जुड़-जुड़ के?

ये नैन बड़े चंचल हैं, उठते-झुकते हर पल हैं
जो देखेगा बस नैना, खोएगा अपना चैनाँ
कभी ये भी देख मेरा मन, यूँ प्यार से छलका क्यूँ है?
एक बात बता दे मुझको, तू इतना पगला क्यूँ है?

चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
दाने ऊपर दाना, दाने ऊपर दाना
मोरे अंगना आना, मोरे अंगना आना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना

तन में क्यूँ ये सन-सन है? पायल में क्यूँ छन-छन है?
तन में क्यूँ ये सन-सन है? पायल में क्यूँ छन-छन है?
मन के सारे तारों में क्यूँ...
मन के सारे तारों में क्यूँ हल्की-हल्की झन-झन है?

जब जागें अभिलाषाएँ तो मन के तार हिलाएँ
तब हाथ की चूड़ी खनके, तब पैर की पायल छनके
तू क्यूँ ना समझ ये पाई? आई अंगड़ाई क्यूँ है
एक बात बता दे मुझको, तू इतनी पगली क्यूँ है?

चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना...

दाने ऊपर दाना, दाने ऊपर दाना
मोरे अंगना आना, मोरे अंगना आना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना
चक दाना, चक दाना, चक दाना, चक दाना...



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Ismail Darbar
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