Raatein

रातें तेरे सिराहने
बुरे सपनों के बहाने
जागते जागते काटली
चुप सी तेरी बातें
बुनती हुई यादें
आधी आधी बांट ली
है कैसा ये जहाँ
रुकी जिंदगी रवां
एक मैं हूँ और एक तू है बस यहाँ
हैया. हैया. हैया. हैया. हैया
हैया. हैया. हैया. हैया. हे
खोई नींदों को
तेरे ख्यालो के ये उंगलियाँ
हल्के से धीमे से गुदगुदाए जो
खामोशी को पढ़ लू मैं
हर्फ हर्फ़ जड़ लू मैं
बिन कहे कुछ मुझे समझाये तो
है कैसा ये जहाँ
रुकी जिंदगी रवां
एक मैं हूँ और एक तू है बस यहाँ
हैया. हैया. हैया. हैया. हैया
हैया. हैया. हैया. हैया. हे
अंधेरों की ये पहेलियाँ
धुप तेरी से हो जाएँ धुंआ
तुझसे मिले है रंग जहां के
होने तेरे से है होना मेरा
है कैसा ये जहाँ
रुकी जिंदगी रवां



Credits
Writer(s): Jasleen Kaur, Aditya Sharma
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