Tanhayee

तन्हाई, तन्हाई

दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई
टूटे ख़्वाब सारे, एक मायूसी है छाई

हर ख़ुशी सो गई, ज़िंदगी खो गई

तुमको जो प्यार किया, मैंने तो सज़ा में पाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई

ख़्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में
ख़्वाब में देखा था एक आँचल मैंने अपने हाथों में
अब टूटे सपनों के शीशे चुभते हैं इन आँखों में

कल कोई था यहीं, अब कोई भी नहीं

बन के नागिन जैसे है साँसों में लहराई
तन्हाई, तन्हाई, पलकों पे कितने आँसू हैं लाई
तन्हाई, तन्हाई, पलकों पे कितने आँसू हैं लाई

क्यूँ ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे नाकाम हुई?
दूर बनाई थी मंज़िल तो रस्ते में ही शाम हुई
क्यूँ ऐसी उम्मीद की मैंने जो ऐसे नाकाम हुई?
दूर बनाई थी मंज़िल तो रस्ते में ही शाम हुई

अब कहाँ जाऊँ मैं? किस को समझाऊँ मैं?

क्या मैंने चाहा था और क्यूँ क़िस्मत में आई
तन्हाई, तन्हाई, जैसे अँधेरों की हो गहराई

दिल के रास्ते में कैसी ठोकर मैंने खाई
टूटे ख़्वाब सारे, एक मायूसी है छाई

हर ख़ुशी सो गई, ज़िंदगी खो गई

तुमको जो प्यार किया, मैंने तो सज़ा में पाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई, मीलों है फैली हुई तन्हाई

तन्हाई, तन्हाई
तन्हाई, तन्हाई



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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