Ruk Ja Nadeem

रुक जा नदीम, रुक जा .
अर्ज़ है आज मोहलत की
फ़िज़ायें लाती है बारिश की खबर
आज ठहर तू यहीं

मिट गये है सितारे
लेकर नींद हमारी और मंज़िलो के ठिकाने

मैं खू चुका इत्र तेरा
खो चुका इकरार तेरा
रह गयी फरमाइशें

बहने दे जो बह रहे
सो रहे वो परिंदे
जो उड़ते थे यहाँ
मिलते थे यहाँ
उड़ते थे यहाँ
क्या पता कहाँ?

ओ नदीम रुकजा
क्यूँ सहर मेरी गुमशुदा
तू ही बता, क्यूँ बेहद है ये रात?
क्यूँ सो रहे हर ख्वाब?

ओ नदीम रुकजा

भीड़ में तू जो छुप के
भाग रही है खुद से
मुस्कुरा दे तू ज़रा
आसमान भी बुला रहा है
बादलों में तेरी दुआयें

ऐ नदीम रुकजा
बहने दे जो बह रहे

सो रहे वो परिंदे
जो उड़ते थे यहाँ
मिलते थे यहाँ
उड़ते थे यहाँ
क्या पता कहाँ?

ओ नदीम रुकजा
क्यूँ सहर मेरी गुमशुदा
तू ही बता, क्यूँ बेहद है ये रात?
क्यूँ सो रहे हर ख्वाब
ओ नदीम रुकजा
रुकजा (रुकजा)
रुकजा

आसमान भी बुला रहा है
बादलों में तेरी दुआ है

आसमान भी बुला रहा है
बादलों में तेरी दुआ है

आसमान भी बुला रहा है (ओ नदीम रुकजा)
बादलों में तेरी दुआ है



Credits
Writer(s): Amartya Ray
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