Khwabon Si Jo

ख़्वाबों सी जो एक बात थी
आज वो सच हुई

ख़्वाबों सी जो एक बात थी
आज वो सच हुई
दिल में कहीं जो आस थी
कल वो रंग लाएगी

सब को है यक़ीं यहाँ, वो सुबह आएगी
सब को है यक़ीं, वो सुबह आएगी

तूफ़ाँ हैं हम, अपना हुनर
मालूम है हम को यहाँ
जिस ओर भी हम चल पड़ें
रस्ता नया मिलता वहाँ

दबी हुई सी जो आग थी
सुबह हुई तो वो जल गई

हरसू दूर तक रोशनी बिखर गई
हरसू दूर तक रोशनी बिखर गई

सूरज का है जब हौसला
तो क्यूँ भला हम चुप रहें?
लोहे की भी दीवार हो
पिघला दें हम, अब क्यूँ सहें?

यहाँ-वहाँ, जहाँ भी देखा है
नज़र-नज़र ग़ज़ब के तेवर हैं
उलट गई है चाल मोहरों की
ईंट का जवाब पत्थर है

ज़बाँ-ज़बाँ पे एक चर्चा है
इंक़लाब आज आएगा
जोश सरफिरे इरादों का
आज देखो रंग लाएगा

मीलों की जो राह थी
आज वो तय हुई
मीलों की जो राह थी
आज वो तय हुई

कल से आज की दूरियाँ सिमट गई
कल से आज की दूरियाँ सिमट गई

बदली ज़मीं, ये आसमाँ
निकलेगा अब सूरज नया
चारों तरफ़ है खलबली
होना था जो वो हो गया

ख़्वाबों सी जो एक बात थी
आज वो सच हुई



Credits
Writer(s): Aslam Keyi, Azeem Shirazi
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