Rishta

मुझ में ही कोई हिस्सा है तेरा
जाने क्या तुझ से रिश्ता है मेरा
मुझ में ही कोई हिस्सा है तेरा
जाने क्या तुझ से रिश्ता है मेरा

आजा, हर्फ़ों के जैसे तुझे लिख लूँ
तेरे होंठों से लफ़्ज़ों सा निकलूँ
रूह से रूह ज़रा चख लूँ
आजा, दिल की जगह तुझ को रख लूँ

यूँ ही अक्स मुझ में दिखता है तेरा
जाने क्या तुझ से रिश्ता है मेरा

ये दूरियाँ मिटा, हमदम, मजबूरियाँ मिटा, हमदम
तेरी साँसों में, निगाहों में मुझे रहना सदा
ये दूरियाँ मिटा, हमदम, मजबूरियाँ मिटा, हमदम
तेरी आहों में, पनाहों में मुझे रहना सदा

जैसे बिख़री हो फूलों पे शबनम
जैसे पाया हो ज़ख़्मों ने मरहम
आजा, मोती सा तुझ को सँभालूँ ज़रा
तुझे पलकों पे अपने सजा लूँ ज़रा

दिल के वरक़ों पे क़िस्सा है तेरा
जाने क्या तुझ से रिश्ता है मेरा
मुझ में ही कोई हिस्सा है तेरा
जाने क्या तुझ से रिश्ता है मेरा

ये दूरियाँ मिटा, हमदम, मजबूरियाँ मिटा, हमदम
तेरी साँसों में, निगाहों में मुझे रहना सदा
ये दूरियाँ मिटा, हमदम, मजबूरियाँ मिटा, हमदम
तेरी आहों में, पनाहों में मुझे रहना सदा



Credits
Writer(s): Arkapravo Mukherjee, Ghulam Mohd Khavar
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