Rootha Kyun

रूठा क्यूँ? मुझसे इतना ख़फ़ा ना होना इतना तू
साँसें भी तेरे बिना मैं ना लूँ जाने क्यूँ बेवजह
Whoa-oh, रहने दे, तेरी मोहब्बतों में रहने दे
तेरे ख़्वाबों में मुझे बहने दे, ऐसा होने दे तू ज़रा

मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना
मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना

रहता है मेरे होंठों पे तेरे होंठों का निशाँ
होता है तन्हा रातों में तेरे होने का गुमाँ

मुझे महसूस हुआ है, ऐसा लगा है
तुम ने छुआ है ना

मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना
मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना

लाज़िम है, जैसे साँसों के लिए लाज़िम है हवा
वैसे ही मेरे लिए ज़रूरी होना है तेरा

तेरे-मेरे प्यार का रिश्ता सदियों रहेगा
सदियों रहा है ना

मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखी हूँ ना
मैं तो तेरे शब की सुबह हूँ ना
हाथों की लकीरों में लिखा हूँ ना



Credits
Writer(s): Azeem Shirazi, Sharib Sabri, Toshi Sabri
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