Humko Deewana Kar Gaye (Extra Antra)

इश्क़ में लाखों ग़म, इश्क़ ना करना तुम
इश्क़ है इक सज़ा
इश्क़ की गलियों में आह ना भरना तुम
इश्क़ है इक सज़ा

कह रही है दिल की लगी
"बिन तुम्हारे क्या ज़िंदगी?"
ग़म ना उठाते तो अच्छा था
ख़ुद को सताते तो अच्छा था

तुम अपना कह के, जानाँ
हमको बेगाना कर गए
तुम अपना कह के, जानाँ
हमको बेगाना कर गए



Credits
Writer(s): Sameer
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