Mast Hawa

मस्त हवा, मस्त हवा, मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे

मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे

हल्के से गाल को छूके तब पूछे
तरसाके चैन तू काहे को लूटे?
तू काहे को लूटे?

मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे

अंगड़ाई लेके मन छू ले, फिर छू ले
वो वादियाँ जहाँ मन झूम-झूमके नाचे रे नाचे
चल इधर-उधर, काहे करे फ़िक्र?
ये मस्त सफ़र नगरी का

मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे

ओ, पल-पल दिल ये हाय तड़पे, हाय तरसे
ये मौसम भी क्या, यहाँ जब मचल-मचल कर बरसें?
हाय बरसें
प्यासी है डगर, अब छोड़ सब्र
ये मस्त सफ़र नगरी का

मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे
मस्त मस्त हवा, मस्त मस्त हवा रे



Credits
Writer(s): Lalit Pandit, Kapil Sibal
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