Phir Aashiqui Ki Hadh Se Guzar Ne Laga Hu Mai

फिर आशिक़ी की हद से गुज़रने लगा हूँ मैं
फिर आशिक़ी की हद से गुज़रने लगा हूँ मैं
इतना ना मुझे चाहो कि डरने लगा हूँ मैं

फिर आशिक़ी की हद से गुज़रने लगा हूँ मैं
इतना ना मुझे चाहो कि डरने लगा हूँ मैं
फिर आशिक़ी की हद से गुज़रने लगी हूँ मैं
महबूब प्यार तुझसे करने लगी हूँ मैं

मुझको दिया है रब ने इनाम दोस्ती का
तेरा हसीन चेहरा हासिल है ज़िन्दगी का
मुझको मिला है, दिलबर, तोहफ़ा तेरी हँसी का
देखा न जाए मुझसे आलम मेरी खुशी का

चुपके से क्यूँ आहें भरने लगा हूँ मैं, भरने लगा हूँ मैं?
फिर आशिक़ी की हद से गुज़रने लगी हूँ मैं
महबूब प्यार तुझसे करने लगी हूँ मैं

सीने में दिल है, दिल में धड़कन है दिलरुबा की
दामन में ना समाए खुशियाँ तेरी वफ़ा की
आवाज सुन रहा हूँ, मैं भी तेरी सदा की
छूटे ना साथ तेरा मैंने यही दुआ की

हमराही, अब तुझ पे मरने लगी हूँ मैं, मरने लगी हूँ मैं
फिर आशिक़ी की हद से गुज़रने लगा हूँ मैं
इतना ना मुझे चाहो कि डरने लगा हूँ मैं

फिर आशिक़ी की हद से गुज़रने लगी हूँ मैं
महबूब प्यार तुझसे करने लगी हूँ मैं



Credits
Writer(s): Anand, Milind, Sameer
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