Nazrein Milaana Nazrein Churaana

दिल कभी गंदा, कभी है नेक बंदा
दिल का भरोसा कैसे कोई करे
दिल कभी ठंडा, कभी है atom bomb सा
ये धमाका कैसे कोई सहे

दिल की यही ख़ता है, दिल को नहीं पता है
दिल की यही ख़ता है, दिल को नहीं पता है
कि दिल चाहता है क्या

नज़रें मिलना, नज़रें चुराना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
नज़रें मिलना, नज़रें चुराना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

नीयत तो दिल की हमेशा ही सही थी
दिल का इरादा भी समझो, नेक था
फ़ितरत आवारा तो क्या करे बेचारा
उसका हो जाए दिल, जिसको देखता

दिन में तो दिल सताए, रातों में दिल जगाए
दिन में तो दिल सताए, रातों में दिल जगाए
अरे, चाहता है क्या?

नज़रें मिलना, नज़रें चुराना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
नज़रें मिलना, नज़रें चुराना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

आँखों में कोई है बसा, जाने क्यू लगे ये दिल ख़ाली
जाने ना क्यूँ ये दिल बजा रहा एक हाथ से ताली
होंठों से जाने क्या कहा, फिर भी दिल की बातें हैं दिल में
ये रहा तेरा हमसफ़र, किसको ढूँढे दिल की महफ़िल में?

जान है फँसी
कैसे ना हँसी आए हाल-ए-दिल पे (hey!)

नज़रें मिलना, नज़रें चुराना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
नज़रें मिलना, नज़रें चुराना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना



Credits
Writer(s): Abbas Tyrewala
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