Katto Gilehri

हाँ, सुन रे, सजनवा रे, सुन रे, बलमवा, लगा के कलजवा, जो मानो तो sir जी
हमरी है अर्जी के सोने का झुमका हमका दिलवाई दे, राजा

गडर है रे, गोरी, जवानी ये तोहरी, तो अब ये सुनो री, जो माँगा था झुमका
ऊ हम दे तुमका, मगर एक ठुमका हमका दिखलाई दे, रानी

ताक-धिन-ताक-धिना, तरसे मन तोहरे बिना
ताक-धिन-ताक-धिना, तरसे मन तोहरे बिना
पहले हमरी मानो, सजना, तो हम तुम्हरी मानें

अरे, कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
(होए, होए, होए, होए)

अरे, कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
आसिक का ऐसे ना तड़पाओ, जानी
आसिक का ऐसे ना तड़पाओ, जानी

मैं कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
आसिक को ऐसे ही तड़पाऊँ, जानी
मैं आसिक को ऐसे ही तड़पाऊँ, जानी
मैं कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी

जान के तू लचकाए कमरिया, मोरी गली जब आए रे
अरे, जान के तू लचकाए कमरिया, मोरी गली जब आए रे
अरे, तोरी नीयत मा खोट है, उल्टा हमका दोस लगाए रे

घास मैं ना खाऊँगी
ओ-हो, धोखे में ना आऊँगी
अरे, घास मैं ना खाऊँगी
ओ-हो, धोखे में ना आऊँगी

अरे, कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
(होए, होए, होए, होए)

अरे, कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
आसिक का ऐसे ना तड़पाओ, जानी
आसिक का ऐसे ना तड़पाओ, जानी

(होए, होए, होए, होए)
(होए, होए, होए, होए)

हमका सब खबर है, हमका समझो ना ऐसी अनाड़ी
तुमका सब कहत हैं, प्रेम के हो पुराने खिलाड़ी
अरे, हमका (आहा) सब खबर है (अच्छा), हमका समझो ना ऐसी अनाड़ी
तुमका सब कहत हैं, प्रेम के हो पुराने खिलाड़ी

काहे तू इन बतियन से मोरा दिल तोड़े रे?
ऐसा हाथ पकड़े तो कौन भला छोड़े रे?
हाथ मेरा क्यूँ थामा, रामा, रामा, रामा, रामा?

अरे, कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
(होए, होए, होए, होए)

मैं कट्टो गिलहरी, छमक छल्लो रानी
आसिक को ऐसे ही तड़पाऊँ, जानी
मैं आसिक को ऐसे ही तड़पाऊँ, जानी
मैं कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी

कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
कट्टो गिलहरी, छमक-छल्लो रानी
आसिक का ऐसे ना तड़पाओ, जानी
आसिक का ऐसे ना तड़पाओ, जानी



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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