Jab Jab Bahar Aayee

जब-जब बहार आई और फूल मुस्कुराए
मुझे तुम याद आए, मुझे तुम याद आए
जब-जब बहार आई और फूल मुस्कुराए
मुझे तुम याद आए, मुझे तुम याद आए

जब-जब भी चाँद निकला और तारें जगमगाए
मुझे तुम याद आए, मुझे तुम याद आए

अपना कोई तराना मैंने नहीं बनाया
अपना कोई तराना मैंने नहीं बनाया
तुमने मेरे लबों पे हर एक सुर सजाया

हो, जब-जब मेरे तराने दुनिया ने गुनगुनाएँ
मुझे तुम याद आए, मुझे तुम याद आए

एक प्यार और वफ़ा की तस्वीर मानता हूँ
एक प्यार और वफ़ा की तस्वीर मानता हूँ
तस्वीर क्या, तुम्हें मैं तक़दीर मानता हूँ

हो, देखी नज़र ने खुशियाँ, या देखे ग़म के साए
मुझे तुम याद आए, मुझे तुम याद आए

मुमकिन है ज़िंदगानी कर जाए बेवफ़ाई
मुमकिन है ज़िंदगानी कर जाए बेवफ़ाई
लेकिन ये प्यार वो है जिसमें नहीं जुदाई

हो, इस प्यार के फ़साने जब-जब ज़ुबाँ पे आए
मुझे तुम याद आए, मुझे तुम याद आए
जब-जब बहार आई और फूल मुस्कुराए
मुझे तुम याद आए, मुझे तुम याद आए



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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