Manwa (From "Kashmakash")

ा ा ा रिगा रीगमनी
नि नि दापा हुंम

मनवा आगे भागे रे
बाँधूँ सौ सौ ढगे रे
मनवा आगे भागे रे
मनवा आगे भागे रे
बाँधूँ सौ सौ ढगे रे
मनवा आगे भागे रे
खबवून से खेल
रहा है सोये जागे रे
मनवा आगे भागे रे

दारी पे बोले कोयलिया
कान रस घोले कोयलिया ा
दारी पे बोले कोयलिया
कान रस घोले कोयलिया
सारी रात अपने सपनो में
सोये जागे रे मनवा
आगे भागे रे

दिन गया जैसे रूठा रूठा
शाम है अनजानी
पुराने पल जी रहा है
आँखें पानी पानी
वॉज जो था था कि नहीं था
आये तोह बतायेगा
सपनो से वह उतरेगा
ऐसा लागे रे

मनवा आगे भागे रे
बाँधूँ सौ सौ ढगे रे
मनवा आगे भागे रे
खबवून से खेल रहा है
सोये हम्म मनवा
आगे भागे रे.



Credits
Writer(s): Gulzar, Sanjoy Raja
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