Ek Nazar

तेरी वो एक नज़र
छु कर गयी इस कदर
खोता ही जा रहा
मुझसे मेरा सफर

कैसा है ये नशा
कैसा खुमार है
ख्वाबो की है ज़मीन
सिर्फ तेरी प्यास है

ढूंढा करू
अब रात दिन
तेरे निशाण
तेरे निशाण

तेरे बिन जी नही पाऊ माहिया
मर भि ना पाऊ माहिया
करू तो मै क्या करू माहिया
जाणा मै जाणा

तेरा हि खयाल है
तेरी हि तो है फिक्र
मेरी हर बात पे
तेरा हि तो है जिक्र

मुझपे पडे
तेरा कर्म
बस अब यही है इंतेझार

तेरे बिन जी नही पाऊ माहिया
मर भि ना पाऊ माहिया
करू तो मै क्या करू माहिया
जाणा मै जाणा

मंझिले तू हि है
तू हि तो है रास्ता
जाऊ तो क्या हुआ
तेरे बिन बता मै कहा

मिल जाओ ना
अब तुम मुझे
पुरी हो ये दास्ता

तेरे बिन जी नही पाऊ माहिया वे
मर भि ना पाऊ माहिया वे
करू तो मै क्या करू माहिया वे
जानू ना
तेरे बिन जी नही पाऊ माहिया वे
मर भि ना पाऊ माहिया वे
करू तो मै क्या करू माहिया वे
जानू ना जानू ना...



Credits
Writer(s): 0, Abhinov Borah
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