Dhalne Ko Hai Saajh

ढलने को है साँझ मयूरी
ढलने को है साँझ मयूरी
टूट चले सपने सिंदूरी
टूट चले सपने सिंदूरी
ढलने को है साँझ मयूरी

हर आहट पे सपने जागे
बिखरे मेरे गीत अभागे
हर आहट पे सपने जागे
बिखरे मेरे गीत अभागे

आँखों से आँसू भी छलके
बातें फिर भी रहीं अधूरी
टूट चले सपने सिंदूरी
ढलने को है साँझ मयूरी

थम जाती हैं धड़कन ऐसे
ठहर गई हों साँसें जैसे
थम जाती हैं धड़कन ऐसे
ठहर गई हों साँसें जैसे

बहुत चले पर मिटा ना पाए
क़दमों से क़दमों की दूरी
टूट चले सपने सिंदूरी
ढलने को है साँझ मयूरी
ढलने को है साँझ मयूरी



Credits
Writer(s): Khumar Barabankvi, Sapan Chakravorty
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