Halka Halka

ये जो हलका-हलका सुरूर है
तेरे इश्क़ का ही फ़ितूर है
मैंने जो लिखा था मिटा दिया
और तुझको अपना ख़ुदा किया

ये जो हलका-हलका सुरूर है
तूने कुछ किया तो ज़रूर है
जिस दिन से तू है दिखा पिया
मैंने साँस लेना भुला दिया

जिस्म से रूह का इक सफ़र हो तुम
आखरी साँस में इक उमर हो तुम
दुनिया की भीड़ में मुझको बस तू दिखे
क्या मैं तुमको दिखूँ कहो ना तुम?

ये जो हलका-हलका सुरूर है
कुछ इश्क़ सा तो ज़रूर है
मैंने जगना-सोना भुला दिया
मुझे क्या से क्या है बना दिया?

तू मेरे खून में बह रहा है कहीं
तू मेरे ख्वाब में जग रहा है कहीं
मेरी हर बात में बस तेरा ज़िक्र है
कुछ मेरे बारे में कहो ना तुम

ये जो हलका-हलका सुरूर है
तेरे इश्क़ का ही फ़ितूर है
मैंने जो लिखा था मिटा दिया
और तुझको अपना ख़ुदा किया

किसी ने ना किया है, जैसा इश्क़ तेरा मेरा
मैं दौड़ता आता हूँ कोई नाम ले जो तेरा
किसी ने ना किया है, जैसा इश्क़ तेरा मेरा
मेरे ग़मों की रात का तू उजला सवेरा

रहने दो ना नशे में
तुम फेरो ना नज़र
हल्का सा ही आया है
अभी चाहत का असर

ये जो हलका-हलका सुरूर है
तूने कुछ किया तो ज़रूर है
ये जो हलका-हलका सुरूर है



Credits
Writer(s): Nusrat Fateh Ali Khan, Rashmi Singh, Abhijit Sharad Vaghani
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