Jab Tum Chaho

जब तुम चाहो पास आते हो
जब तुम चाहो दूर जाते हो

जब तुम चाहो पास आते हो
जब तुम चाहो दूर जाते हो
चलती हमेशा मर्ज़ी तुम्हारी
कहते हो फिर भी, प्यार करते हो

माना मैंने ग़लतियाँ की
थोड़ी-थोड़ी सख़्तियाँ की
इश्क़ में थोड़ी सी मस्तियाँ की

जब तुम चाहो शिकवे-गिले हो
जब तुम चाहो दिल ये मिले हो
चलती हमेशा मर्ज़ी तुम्हारी
जाओ बड़े आए, प्यार करते हो

दिल की बातें बोलते नहीं
राज़ अपने तुम खोलते नहीं
अपने मन की तुम करते हो सदा
मेरा मन तुम टटोलते नहीं

सच हैं तेरी ये सब शिकायतें
तोड़ दूँगा ये रिवायतें

भूल मेरी भूल जाना
मुझ को आया ना रिझाना
मगर चाहता हूँ अब मनाना

जब तुम चाहो हँस के बुलाओ
जब तुम चाहो लड़ते ही जाओ
चलती हमेशा मर्ज़ी तुम्हारी
बड़ी-बड़ी बातें, प्यार करते हो

सीखनी हैं प्यार की बारीकियाँ सभी
हो समय अगर तो सिखा दीजिए अभी
कैसे किसी को रिझाते बात-बात में?
दूर कैसे होती किसी की नाराज़गी?

भोले बन के करते हो गुस्ताख़ियाँ
छोड़ दो ये सब चालाकियाँ

बातों में बहलाओ ना यूँ
बात को बढ़ाओ ना यूँ
मानूँगी ना मैं, मनाओ ना यूँ

जब तुम चाहो शाम सजी हो
जब तुम चाहो रात ढली हो
अब तुम चाहो जो भी सज़ा दो
बस थोड़ा सा हँस के दिखा दो



Credits
Writer(s): Irshad Kamil, Himesh Vipin Reshammiya
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