Main Yahan Tu Wahan

मैं यहाँ, तू वहाँ, ज़िन्दगी है कहाँ?

मैं यहाँ, तू वहाँ, ज़िन्दगी है कहाँ?
मैं यहाँ, तू वहाँ, ज़िन्दगी है कहाँ?
तू ही तू है सनम देखता हूँ जहाँ

नींद आती नहीं, याद जाती नहीं
नींद आती नहीं, याद जाती नहीं
बिन तेरे अब जिया जाए ना
मैं यहाँ, तू वहाँ, ज़िन्दगी है कहाँ?

वक़्त जैसे ठहर गया है यही
हर तरफ़ एक अजब उदासी है
बेक़रारी का ऐसा आलम है
जिस्म तनहा है, रूह प्यासी है

तेरी सूरत अब एक पल
क्यूँ नज़र से हटती नहीं?
रात-दिन तो कट जाते हैं
उम्र तनहा कटती नहीं

चाह के भी ना कुछ कह सकूँ तुझसे मैं
चाह के भी ना कुछ कह सकूँ तुझसे मैं
दर्द कैसे करूँ मैं बयाँ?
मैं यहाँ, तू वहाँ, ज़िन्दगी है कहाँ?

जब कहीं भी आहट हुई
यूँ लगा के तू आ गया
खुशबू के झोंके की तरह
मेरी साँसें महका गया

एक वो दौर था, हम सदा पास थे
एक वो दौर था, हम सदा पास थे
अब तो हैं फ़ासले दरमियाँ
मैं यहाँ, तू वहाँ, ज़िन्दगी है कहाँ?

बीती बातें याद आती हैं
जब अकेला होता हूँ मैं
बोलती है खामोशियाँ
सबसे छुप के रोता हूँ मैं

एक अरसा हुआ, मुस्कुराए हुए
एक अरसा हुआ, मुस्कुराए हुए
आँसुओं में ढली दास्ताँ
मैं यहाँ, तू वहाँ, ज़िन्दगी है कहाँ?
तू ही तू है सनम देखता हूँ जहाँ

नींद आती नहीं, याद जाती नहीं
नींद आती नहीं, याद जाती नहीं
बिन तेरे अब जिया जाए ना



Credits
Writer(s): Sameer
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