Aaja Milke

आजा, मिल के हम बाँट लें दूरियाँ, तन्हाइयाँ
धड़कनों में बजने लगीं अनसुनी शहनाइयाँ

सज रही हैं अब आँखों में
प्यार के ख़ाबों की परछाइयाँ
हो, आजा, मिल के
हम बाँट लें दूरियाँ, तन्हाइयाँ

ना कोई खुशबू थी, ना कोई मौसम था
हर लमहा ज़िंदगी वीरान थी
चारों तरफ़ सिर्फ़ ग़म का अँधेरा था
तनहा था, हर खुशी अनजान थी

तुझ को पा के खोने लगीं
अब दूर तक फैली हुई वीरानियाँ
सज रही हैं अब आँखों में
प्यार के ख़ाबों की परछाइयाँ

हो, आजा, मिल के हम बाँट लें दूरियाँ, तन्हाइयाँ
धड़कनों में बजने लगी अनसुनी शहनाइयाँ

ज़ुल्फ़ों के साए में तेरा बसेरा हो
पलकों में दिन ढले अब रात हो
मैं अलविदा कह दूँ सारे ज़माने को
सोचूँ ना, तू मेरे जब साथ हो

हम ज़ुबाँ से जो ना कहें
वो कह रही ये वादियाँ, खामोशियाँ
सज रही हैं अब आँखों में
प्यार के ख़ाबों की परछाइयाँ

हो, आजा, मिल के (आजा, मिल के)
हम बाँट लें (हम बाँट लें)
दूरियाँ (दूरियाँ), तन्हाइयाँ (तन्हाइयाँ)
धड़कनों में (धड़कनों में)
बजने लगीं (बजने लगीं)
अनसुनी (अनसुनी) शहनाइयाँ (शहनाइयाँ)

सज रही हैं अब आँखों में
प्यार के ख़ाबों की परछाइयाँ
हो, आजा, मिल के (आजा, मिल के)
हम बाँट लें दूरियाँ, तन्हाइयाँ



Credits
Writer(s): Sameer
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