Bahon Ke Darmiyan

मैं Annie
Mamma-papa को वो नामुमकिन सपना जो सच हुआ है
मैं उनकी दिल की धड़कन हूँ, जिसे वो सुन नहीं सकते
मैं उनकी पहचान हूँ, उनकी आवाज़ हूँ
हमारी छोटी सी दुनिया है, सिर्फ़ तीनों की

लेकिन मैं, मैं आसमान को छूना चाहती हूँ, गाना चाहती हूँ
आवाज़ और ख़ामोशी टकराते गए, फिर भी सपने ज़िंदा हैं
है ना ये नामुमकिन सपना?
लेकिन वो ज़िंदगी ही क्या जिसमें कोई नामुमकिन सपना ना हो?

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन
धड़कन बनी ज़ुबाँ

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन
धड़कन बनी ज़ुबाँ, बाँहों के दरमियाँ...

खुलते, बंद होते लबों की ये अनकही
खुलते, बंद होते लबों की ये अनकही
मुझसे कह रही है कि बढ़ने दे बेख़ुदी
मिल यूँ कि दौड़ जाएँ नस-नस में बिजलियाँ

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या बोले मन, डोले सुन के बदन
धड़कन बनी ज़ुबाँ, बाँहों के दरमियाँ...

आसमाँ को भी ये हसीं राज़ है पसंद
आसमाँ को भी ये हसीं राज़ है पसंद
उलझी-उलझी साँसों की आवाज़ है पसंद
मोती लुटा रही हैं सावन की बदलियाँ

बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं
जाने क्या (जाने क्या) बोले मन (बोले मन)
डोले सुन के बदन
धड़कन बनी ज़ुबाँ, बाँहों के दरमियाँ...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Jatin Lalit
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