Khushboo Ki Tasveerein

ख़ुशबू की तस्वीरें जैसे
ख़ुशबू की तस्वीरें जैसे
हवाओं पे लक़ीरें जैसे

ख़ूबसूरत रात और शबनम के क़तरे
कुछ रिश्ते हैं चाँद के परे
कुछ रिश्ते हैं चाँद के परे

ना जाने कैसे, क्या होता है
ना जाने कैसे, क्या होता है
अपनों से फ़ासला होता है

कोई अचानक यूँ आ जाए
रिश्तों का कारवाँ होता है
प्यार का ये जादू है

आँखें वही और बदली हैं नज़रें
कुछ रिश्ते हैं चाँद के परे
कुछ रिश्ते हैं चाँद के परे

हो, ख़्वाबों में ही सोने लगे हम
ख़्वाबों में ही सोने लगे हम
यूँ ही किसी के होने लगे हम

आँसू भी मुस्कुराने लगे तो
ज़िंदगी को पिरोने लगे हम
लम्हा-लम्हा साँसें महके

आरज़ू से ख़ैर-ए-भरे
कुछ रिश्ते है चाँद के परे
कुछ रिश्ते है चाँद के परे

ख़ुशबू की तस्वीरें जैसे (जैसे)
हवाओं पे लक़ीरें जैसे (जैसे)
खूबसूरत रात और शबनम के क़तरे
कुछ रिश्तें हैं चाँद के परे

ये रिश्ते हैं चाँद के परे
ये रिश्ते हैं चाँद के परे



Credits
Writer(s): Anchal Talesara, Hasmukh Gandhi
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