Dil Sachaa Aur Chehra Jhutha

दिल को देखो, चेहरा ना देखो
दिल को देखो, चेहरा ना देखो
चेहरों ने लाखों को लूटा
हाँ, दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल सच्चा और चेहरा झूठा

दिल को देखो, चेहरा ना देखो
चेहरों ने लाखों को लूटा
हाँ, दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल सच्चा और चेहरा झूठा

जो अपनी सच्ची सूरत दिखा दे, ऐसे नहीं दुनिया वाले
सब ने ही अपने चेहरों के आगे झूठ के पर्दे हैं डाले
मीठी होंठों पे बात, दिल में रहती है घात

दिल का होंठों से नाता ही टूटा
हाँ, दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल को देखो, चेहरा ना देखो

तन से तो आज़ाद हम हो गए हैं, मन से गई ना ग़ुलामी
परदेसी भाषा और भेष को ही देते हैं अब तक सलामी
भूलकर अपना रंग, सीखे औरों का ढंग

अपनेपन का चलन हमसे छूटा
हाँ, दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल को देखो, चेहरा ना देखो

मर्ज़ी तुम्हारी, तुम कुछ भी समझो, जो हम हैं वो हम ही जानें
रंग-रूप देखे तो देखे ज़माना, हम प्यार के हैं दीवाने
पूजे धन को संसार, हमें मन से हैं प्यार

धन किसी बात पर हमसे रूठा
हाँ, दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल सच्चा और चेहरा झूठा

दिल को देखो, चेहरा ना देखो
चेहरों ने लाखों को लूटा
हाय, दिल सच्चा और चेहरा झूठा
दिल सच्चा और चेहरा झूठा



Credits
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Kalyanji Anandji
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