Dekha Hai Teri Aankhon Ko

देखा है तेरी आँखों को
चाहा है तेरी अदाओं को
देखा है तेरी आँखों को
चाहा है तेरी अदाओं को

इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
जाने-ए-जाना तुझे हैं कसम

देखा है तेरी आँखों को
चाहा है तेरी अदाओं को
इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
जाने-ए-जाना तुझे हैं कसम

तेरी निगाहों में, मस्ती की छाँव में डूबा हूँ मैं इस तरह
कैसे बताऊ मैं, किसको सुनाऊ जीता हूँ मैं किस तरह

इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
जाने-ए-जाना तुझे हैं कसम
देखा है तेरी आँखों को
चाहा है तेरी अदाओं को

तेरे हि सपनों में खोकर मैं सोया
जागा ना अब तक यहाँ
आती हैं पल में, जाती हैं पल में
ढूंढू यहाँ से वहाँ
इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
जाने-ए-जाना तुझे हैं कसम

देखा है तेरी आँखों को
चाहा है तेरी अदाओं को

इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
इसमें मेरा कसूर क्या हैं सनम
जाने-ए-जाना तुझे हैं कसम



Credits
Writer(s): Lalit Sen, Sadu
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