Bahot Pahle Se Un Qadmon Ki Aahat Jaan Lete Hain

बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िन्दगी, ए ज़िन्दगी
तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते हैं
बहुत पहले से...

तबियत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में
तबियत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में
हम ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं
हम ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं
बहुत पहले से...

मेरी नज़रें भी ऐसे काफ़िरों का जान-ओ-ईमान है
निगाहें मिलते है जो जान और ईमान लेते हैं
निगाहें मिलते है जो जान और ईमान लेते हैं
बहुत पहले से...

फ़िराक़ अक्सर बदलकर भेष मिलता है कोई काफ़िर
फ़िराक़ अक्सर बदलकर भेष मिलता है कोई काफ़िर
कभी हम जान लेते हैं, कभी पहचान लेते हैं

बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते हैं
बहुत पहले से...



Credits
Writer(s): Firaq Gorakhpuri, Jagjit Singh
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