Main Doob Doob Jata Hun

मैं डूब-डूब जाता हूँ

शरबती तेरी आँखों की, हा, झील सी गहराई में
शरबती तेरी आँखों की झील सी गहराई में
मैं डूब-डूब जाता हूँ

फूलों को तूने रंगत दे दी
सूरज को उजाला, उजाला
सूरज को उजाला

ज़ुल्फ़ों से तूने पानी झटका
तारों की बन गई माला
देखो, तारों की बन गई माला

होंठ हैं तेरे दो पैमाने
होंठ तेरे दो पैमाने
पैमानों की मस्ती में
डूब-डूब जाता हूँ

शरबती तेरी आँखों की, हा, झील सी गहराई में
शरबती तेरी आँखों की झील सी गहराई में
मैं डूब-डूब जाता हूँ

भूले से तू जो बाग़ में जाए
पत्ता-पत्ता डोले, रे डोले
पत्ता-पत्ता डोले

तिरछी नज़रें जिधर भी फेंके
भड़के १००-१०० शोले, रे शोले
भड़के १००-१०० शोले

गाल हैं तेरे, हा-हा! दो अंगारे, हू-हू
गाल हैं तेरे दो अंगारे
अंगारों की गर्मी में
डूब-डूब जाता हूँ

शरबती तेरी आँखों की, हा, झील सी गहराई में
शरबती तेरी आँखों की झील सी गहराई में
मैं डूब-डूब, डूब-डूब...

...जाता हूँ



Credits
Writer(s): Kalyanji Anandji, Rajendra Krishan
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