Yeh Duniya Agar (From "Noblemen")

ये कहानी कहाँ से सुनाऊँ?
मुझसे होके शुरू तुझपे आऊँ
कौन तू? कौन मैं? कौन है रू-ब-रू?
तू ही मैं, मैं ही तू, है कहीं हू-ब-हू
हू-ब-हू, हू-ब-हू

जोश भर-भर की बातें, हल्की मदहोश रातें
बहते जज़्बातों में बनते फिरते इरादें

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया में इंसानियत ही कहाँ है
ये दुनिया के आगे वो दोज़ख़ ही क्या है?
कि दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया के आगे वो दोज़ख़ ही क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
कि दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

ख़ुद को ही ख़ुद से कैसे बचाएँ?
अब नहीं अपने ही बस में आएँ
हो गया, जो हुआ, सो हुआ, क्या हुआ?
लौ मेरी बुझ गई, सब मेरा खो गया
खो गया, खो गया

झूठे हैं ये सारी आसमाँ के तारे
झूठे सपने दिखाते ये झूठे नज़ारे

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया के आगे वो दोज़ख़ ही क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?

जला दो इसे, फूँक डालो ये दुनिया
ये इंसाँ के दुश्मन समाजों की दुनिया

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?



Credits
Writer(s): S D Burman, Sahir Ludhianvi, K C Loy
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