Dhal Gaya Chand

ढल गया चाँद, गई रात, चलो सो जाएँ
ढल गया चाँद, गई रात, चलो सो जाएँ
हो चुकी उनसे मुलाक़ात, चलो सो जाएँ
ढल गया चाँद...

दूर तक गूँज नहीं है किसी शहनाई की
दूर तक गूँज नहीं है किसी शहनाई की
लुट गई आस की बारात, चलो सो जाएँ
लुट गई आस की बारात, चलो सो जाएँ
ढल गया चाँद...

लोग इक़रार-ए-वफ़ा कर के भुला देते हैं
लोग इक़रार-ए-वफ़ा कर के भुला देते हैं
ये नहीं कोई नई बात, चलो सो जाएँ
ये नहीं कोई नई बात, चलो सो जाएँ
ढल गया चाँद...

इतने छींटों से ना धोया गया ये दाग़-ए-अलम
इतने छींटों से ना धोया गया ये दाग़-ए-अलम
क्या कहेगी हमें बरसात, चलो सो जाएँ
क्या कहेगी हमें बरसात, चलो सो जाएँ

ढल गया चाँद, गई रात, चलो सो जाएँ
हो चुकी उनसे मुलाक़ात, चलो सो जाएँ
चलो सो जाएँ, चलो सो जाएँ



Credits
Writer(s): Lalit Sen, Gulrez
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