Bezubaan Phir Se Reprise

टूटी हैं, रूठी हैं, हाथों से छूटी हैं
माना तेरी रौशनी
गहरा अँधेरा हैं, दो पल को ठहरा हैं
रंग आसमानों का भी

आसान राहों को तूने लिया कब हैं?
ज़िद्दी सवेरे तेरे
अपने से वादों के, १००-१०० इरादों के
दिल में बसेरे तेरे

वो जो कह पाए ना ज़ुबाँ तेरी
वो आँखें तेरी कर दे बयाँ
पाँव तेरे कहीं रोके रुकेंगे ना
हो खुद पे यक़ीं जो तेरा, हाँ

तेरी कहानी, तेरी ज़ुबानी
सुनेगा ये सारा जहाँ

बेज़ुबाँ कब से तू रहा
बेगुनाह सहता क्यूँ रहा?
बेज़ुबाँ...

When I'm on the spare
And I longer feel a doubt
When I'm all alone
He was start to think about suffering and silence
And the consequence ahead
Now the only difference is the confidence ahead

Should have started at the summer
Saying never, I had to
To all the temperature that high
For another last July
To all the level that decided
And every look that resides
And I'ma keep it alive inside
With the name she denies

हो-हो-हो, ख्वाबों का तेरे क़िस्सा हैं
तेरा हक़, तेरा हिस्सा हैं
तुझसे ना छीने जहाँ

हो-हो-हो, तेरी इम्तिहाँ देखेगा
आज आसमाँ देखेगा
क्या हैं तेरा फ़ैसला?

बेज़ुबाँ कब से तू रहा
बेगुनाह सहता क्यूँ रहा?
बेज़ुबाँ कब से तू रहा
बेगुनाह सहता क्यूँ रहा?

I don't wanna not be livin' 'cause I fear what could happen
Who you tellin' me to be something I can manage
Feelin' like I'm ready after carrying all this baggage
It used to be challenge and it switch to an advantage

Toughened by the failure and now strengthened by the victory
Feedin' of the pain even though it's contradictory
Misery is something that I see as a mystery
Periphery is empty and rest is move to history

तेरी इम्तिहाँ देखेगा
आज आसमाँ देखेगा
क्या हैं तेरा फ़ैसला?



Credits
Writer(s): Jigar Saraiya, Sachin Jaykishore Sanghvi, Mayur Puri
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