Mere Dilse Aake Lipat Gayi

मेरे दिल से आके लिपट गई
ये हसीं निगाह कभी-कभी
मेरे दिल से आके लिपट गई
अजी, हाँ, नज़र ने किया तो है
ये हसीं गुनाह कभी-कभी
मेरे दिल से आके लिपट गई

ये नज़र की बिजलियाँ टूट के
कहीं ले गईं हमें लूट के
ये नज़र की बिजलियाँ टूट के
कहीं ले गईं हमें लूट के

करें क्या कि अपनी ख़ुशी से भी
हुए हम तबाह कभी-कभी
अजी, हाँ, नज़र ने किया तो है
ये हसीं गुनाह कभी-कभी
मेरे दिल से आके लिपट गई

तू है सामने तो क़रार है
तेरी बेरुख़ी से भी प्यार है
तू है सामने तो क़रार है
तेरी बेरुख़ी से भी प्यार है

जब भी रूठ-रूठ के रोक ली
तेरी हम ने राह कभी-कभी
मेरे दिल से आके लिपट गई

तुझे देख लूँ मैं क़रीब से
तुझे माँग लूँ मैं नसीब से
तुझे देख लूँ मैं क़रीब से
तुझे माँग लूँ मैं नसीब से

तेरी शोख़ ज़ुल्फ़ के साए में
जो मिले पनाह कभी-कभी
अजी, हाँ, नज़र ने किया तो है
ये हसीं गुनाह कभी-कभी

मेरे दिल से आके लिपट गई
ये हसीं निगाह कभी-कभी
मेरे दिल से आके लिपट गई



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Khan
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