Hum Teri Ore Chale

तू ना जाने, कितनी पसंद है मुझको सोहबत तेरी
तू ना जाने, कितनी पसंद है मुझको सोहबत तेरी
बदली-बदली सी क्यूँ लगती है मुझको आदत मेरी?

हो, एक नया सा सवेरा लिए
आँखों में तेरा चेहरा लिए

के हम तेरी ओर चले, रे, पिया
बिना किसी डोर चले, रे, पिया
के हम तेरी ओर चले, रे, पिया
बिना किसी डोर चले, रे, पिया

बातों ही बातों में
दो मुलाकातों में चलने लगा जादू तेरा
हाँ, हौले से, धीरे से
आँखों ही आँखों में तू ले गया सबकुछ मेरा

ओ, जबसे हैं हम, यार, तेरी दोस्ती में
कुछ अलग ही बात है इस ज़िन्दगी में
हाँ, परवाह नहीं हमको दुनिया की अब
चाहे खफ़ा हो जाए मेरा रब

के हम तेरी ओर चले, रे, पिया
बिना किसी डोर चले, रे, पिया
के हम तेरी ओर चले, रे, पिया
बिना किसी डोर चले, रे, पिया

जहाँ भी जाऊँ मैं, तुझे ही पाऊँ मैं
तू हर जगह मेरे साथ है
हाँ, दिल की बातों को कैसे बताऊँ मैं?
तू दिन मेरा, तू ही रात है

ओ, तुझको ही पाने की हमको धुन लगी है
ख्वाहिशें भी अनकही दिल में जगी हैं
हो, तेरी मोहब्बत का है ये असर
तू ही है मंज़िल, तू ही है सफ़र

के हम तेरी ओर चले, रे, पिया
बिना किसी डोर चले, रे, पिया
के हम तेरी ओर चले, रे, पिया
बिना किसी डोर चले, रे, पिया



Credits
Writer(s): Danish Sabri, Wajid
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