O Majhi Re Apna Kinara

ओ, माझी रे
ओ, माझी रे, अपना किनारा
नदिया की धारा है
ओ, माझी रे

साहिलों पे बहने वाले
कभी सुना तो होगा कहीं, ओ-ओ
हो, काग़ज़ों की कश्तियों का
कहीं किनारा होता नहीं

हो, माझी रे, ओ, माझी रे
कोई किनारा जो किनारे से मिले
वो अपना किनारा है
ओ, माझी रे

पानियों में बह रहे हैं
कई किनारे टूटे हुए, ओ-ओ
हो, रास्तों में मिल गए हैं
सभी सहारे छूटे हुए

कोई सहारा मझधारे में मिले
जो अपना सहारा है
ओ, माझी रे, अपना किनारा
नदिया की धारा है



Credits
Writer(s): Gulzar, Rahul Burman
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