Shikan Pe Sawaar

वो ख़ालीपन की बूँदें
कहीं शिकन पे सवार
गुलाबी से रिश्ते यहीं-कहीं
गीली तस्वीरों में डूबा वो प्यार

यार, क़रार का शिकार कर, वो फ़रार
शिकन पे सवार

शिकन पे सवार

शिकन पे सवार

अलग है तू ख़ाली बक्सों से
अलग है तू अपने ही अक्स से

बुदबुदाती है तू सपनों में अपने
अपने ही होने का राज़
पर जागो तो होती है बेबस
क्यूँ देती दग़ा ये ज़ुबाँ?

यार, क़रार का शिकार कर, वो फ़रार
शिकन पे सवार

शिकन पे सवार



Credits
Writer(s): Ankit Menon, Sushant Sudhakaran
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