Zindagi Mil Gayee

चिड़ियों की चहक से, पत्तों की झुरमुराहट से
चिड़ियों की चहक से, पत्तों की झुरमुराहट से
देखा तुझे जब सुबह की पहली रोशनी में

साँसों को साँस मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई

नए मुक़त्तम पे जो गिरी बूँदें
तो सियाही सी बनने लगी
आसमाँ जैसे काग़ज़ हो बना
धड़कनें कलम सी बन गई

दास्ताँ कोई अपनी बन गई
मंज़िलें राहों में ही मिल गईं
देखा तुझे जब सुबह की पहली रोशनी में

साँसों को साँस मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई

चंचल किरणें, नटखट सी हवा
है नई कोई सुबह ला रही
पर्दे हटा दूँ मैं, खिड़कियाँ खोल दूँ
मन की अंगड़ाइयाँ जा रही

नया दिन ये, उमंगें हैं नई
खुशियाँ ही हैं खुशियाँ हर कहीं
देखा तुझे जब सुबह की पहली रोशनी में

साँसों को साँस मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई

दस्तक तेरे जाने की
आने की होती है दिल में अब तक
तू यहाँ है, वहाँ है निगाहों के हद तक

ना हो तो भी तू साथ है
तुझसे ही मेरे अरमान हैं
देखा तुझे जब सुबह की पहली रोशनी में

साँसों को साँस मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई
ज़िन्दगी मिल गई, ज़िन्दगी मिल गई



Credits
Writer(s): Shankar, Basant Kumar Chaudhary, Shushat
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