Shart

सड़कों पे चाहे महलों में रहे
जितने भी चाहे पहरों में रहे
कोई हमें कभी कर पाए ना जुदा
गिरजा में नहीं, मंदिर नहीं
किसी दरगाह के दर पर नहीं
देखा मैंने तेरे चेहरे में ही ख़ुदा

अपने मिलन की कहानी अधूरी
रही तो अधूरी सही
तेरे अलावा ना चाहूँ किसी को
ये शर्त ख़ुद से रखी
मैंने शर्त ख़ुद से रखी

सड़कों पे चाहे महलों में रहे
जितने भी चाहे पहरों में रहे
कोई हमें कभी कर पाए ना जुदा
गिरजा में नहीं, मंदिर नहीं
किसी दरगाह के दर पर नहीं
देखा मैंने तेरे चेहरे में ही ख़ुदा

नज़दीक से चाहतों के दावे तो हमने किए
पर दूर रह के ही समझें तुम क्या हो मेरे लिए
हो, नज़दीक से चाहतों के दावे तो हमने किए
पर दूर रह के ही समझें तुम क्या हो मेरे लिए

एक बार तुमसे बिछड़े तो जाना
क़ीमत है क्या प्यार की
तेरे अलावा ना चाहूँ किसी को
ये शर्त ख़ुद से रखी
मैंने शर्त ख़ुद से रखी

सड़कों पे चाहे महलों में रहे
जितने भी चाहे पहरों में रहे
कोई हमें कभी कर पाए ना जुदा
गिरजा में नहीं, मंदिर नहीं
किसी दरगाह के दर पर नहीं
देखा मैंने तेरे चेहरे में ही ख़ुदा

मुश्किल है आना तुम्हारा, माना ये शक़ है मुझे
फिर भी बिछाईं हैं पलकें, इतना तो हक़ है मुझे
हो, मुश्किल है आना तुम्हारा, माना ये शक़ है मुझे
फिर भी बिछाईं हैं पलकें, इतना तो हक़ है मुझे

तक़दीर से भी लड़ के रहेगा
ज़िद है तेरे यार की
तेरे अलावा ना चाहूँ किसी को
ये शर्त ख़ुद से रखी
मैंने शर्त ख़ुद से रखी



Credits
Writer(s): Rana Mazumder, Amitabh Bhattacharya
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