Chalo Achchha

चलो अच्छा, जुदा हो जाते है
हम तुमसे खफ़ा हो जाते है
चलो अच्छा, जुदा हो जाते है
हम तुमसे खफ़ा हो जाते है

आ गई है जुदाई की घड़ियाँ
कौन खोले मगर हथकड़ियाँ
चलो अच्छा, जुदा हो जाते है
हम तुमसे खफ़ा हो जाते है

तुम जो कहते हो हम नहीं रोएँगे
ग़म के काँटों पे हँसके सोएँगे
दिल पे ग़म की घटाएँ जब झुकती है
लगती है तो फिर कहाँ रूकती है

इनको कहते है...
इनको कहते है "सावन की झड़ियाँ"
कौन खोले मगर हथकड़ियाँ
चलो अच्छा, जुदा हो जाते है
हम तुमसे खफ़ा हो जाते है

मैंने जो कुछ कहा भूल जाओ तुम
तुम ना जाओ, मेरे पास आओ तुम
सारे आँसू मैं पलकों से चुन लूँगा
ग़म के इन मोतियों से मैं बुन लूँगा

अपने ख़्वाबों के...
अपने ख़्वाबों के सेहरे की लड़ियाँ
कौन खोले मगर हथकड़ियाँ
चलो अच्छा, फ़िदा हो जाते है
हम सबसे जुदा हो जाते है

आ गई है मिलन की ये घड़ियाँ
खुल गई है सभी हथकड़ियाँ
चलो अच्छा, फ़िदा हो जाते है
हम सबसे जुदा हो जाते है



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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