Padosan Ke Ghar

पड़ोसन के घर कल रात-भर
बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन

पड़ोसन के घर कल रात-भर
बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन

जलती रही मैं, मचलती रही मैं
बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन

करवट बदलती रही, नींद ना आई
निकली कई बार दिल से दुहाई
करवट बदलती रही, नींद ना आई
निकली कई बार दिल से दुहाई

कभी ऐसे, कभी वैसे
ढल गया वक़्त, हो गई सहर

पड़ोसन के घर कल रात-भर
बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन

जलती रही मैं, मचलती रही मैं
हाँ, बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन

मैं हाल अपना बताऊँ तो कैसे?
दर्द-ए-जिगर भी दिखाऊँ तो कैसे?
मैं हाल अपना बताऊँ तो कैसे?
दर्द-ए-जिगर भी दिखाऊँ तो कैसे?

वो ना जाने, वो ना माने
मेरा दिलबर बड़ा बेख़बर

पड़ोसन के घर कल रात-भर
हाँ, बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन

पड़ोसन के घर कल रात-भर
बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
(छन-छना-छन-छन)

जलती रही मैं, मचलती रही मैं
बजती रहीं चूड़ियाँ
छन-छना-छन-छन
छन-छना-छन-छन

(बजती रहीं चूड़ियाँ)
(छन-छना-छन-छन)
(छन-छना-छन-छन)
(बजती रहीं चूड़ियाँ)
(छन-छना-छन-छन)

(छन-छना-छन-छन, हाए)
(छन-छना-छन-छन)
(छन-छना-छन-छन)



Credits
Writer(s): Sameer
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