Aurat Teri Yehi Kahani

सेवा, त्याग, क्षमा, क़ुरबानी
सदियों से है तेरी निशानी
औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

सेवा, त्याग, क्षमा, क़ुरबानी
सदियों से है तेरी निशानी
औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

नफ़रत के इन अँधियारों में
प्रेम के दीप जलाए तू
नफ़रत के इन अँधियारों में
प्रेम के दीप जलाए तू

आँगन-आँगन फूल खिलाए
घर को स्वर्ग बनाए तू
इस दुनिया की हर बस्ती
आबाद है तेरी हस्ती se

गुलशन तो गुलशन है
वीरानों को भी महकाए तू

धूप में तू छाँव बन जाए
प्यास में तू बन जाए पानी
औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

धरती पर दुनिया का बोझ
औरत पर बोझ मुसीबत का
धरती पर दुनिया का बोझ
औरत पर बोझ मुसीबत का

हँस-हँस के अपनो में बाँटे
फल तू अपनी मेहनत का
सबका पेट भरे और ख़ुद
पानी पी कर सो जाए तू

कैसे क़र्ज़ चुकाएगी?
ये दुनिया तेरी ख़िदमत का

फिर भी इस बेदर्द जहाँ ने
तेरी कोई क़दर ना जानी
औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

सेवा, त्याग, क्षमा, क़ुरबानी
सदियों से है तेरी निशानी
औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी

औरत तेरी यही कहानी
औरत तेरी यही कहानी



Credits
Writer(s): Mahendra Dehlvi
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