Log Jahan Par Rahte Hain

लोग जहाँ पर रहते हैं
उस जगह को वो घर कहते हैं
हम इस घर में रहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं

लोग जहाँ पर रहते हैं
उस जगह को वो घर कहते हैं
हम इस घर में रहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं

ॐ हरि ॐ
ॐ हरि ॐ
ॐ हरि ॐ

हुई आज के दिन एक बात बड़ी
अपने घर की बुनियाद पड़ी
हुई आज के दिन एक बात बड़ी
अपने घर की बुनियाद पड़ी

विश्वास पे और मोहब्बत पे
हर एक हुई दीवार खड़ी
हर आँधी से, हर तूफ़ाँ से
मजबूत है, ये घर कहते है

लोग जहाँ पर रहते हैं
उस जगह को वो घर कहते हैं
हम इस घर में रहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं

इस घर की क़ीमत क्या होगी
दुनिया को कुछ अंदाजा है
इस घर की क़ीमत क्या होगी
दुनिया को कुछ अंदाजा है

ये दरवाज़ा इस घर का नहीं
जन्नत का ये दरवाज़ा है
इस फ़र्श को धरती कहते है
इस छत को अंबर कहते है

लोग जहाँ पर रहते हैं
उस जगह को वो घर कहते हैं
हम इस घर में रहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं

ख़ुशियों के दीप जलाएँगे
ख़ुशियों के दीप जलाएँगे
सपनों के फूल खिलाएँगे
सपनों के फूल खिलाएँगे

मिटने ना देंगे इस घर को
इस घर पर हम मिट जाएँगे
इस घर पर हम मिट जाएँगे
ऐ माँ, ऐ माँ, तेरे बच्चे
तेरी सौगंध उठा कर कहते हैं

लोग जहाँ पर रहते हैं
उस जगह को वो घर कहते हैं
हम इस घर में रहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं

ॐ हरि ॐ
ॐ हरि ॐ
ॐ हरि ॐ

इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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