Jise Chupke Chupke Padhta Hoon Wo Pyar Ki

जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू
जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू

कभी गीत लगे, कभी ग़ज़ल
कभी गीत लगे, कभी ग़ज़ल
आशिक़ शायर का ख़ाब है तू

जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू
जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू

मेरी आँखों में जो सपने
उन सपनों में तेरा प्यार पले
मेरी आँखों में जो सपने
उन सपनों में तेरा प्यार पले

तेरी उठती-झुकती पलकों में...
तेरी उठती-झुकती पलकों में...
मेरी सुबह चले, मेरी शाम ढले

जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू
जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू

तेरी ज़ुल्फ़ें खुलें तो ये वक़्त रुके
तू बात करे तो फूल खिलें
तेरी ज़ुल्फ़ें खुलें तो ये वक़्त रुके
तू बात करे तो फूल खिलें

जो रंग है भीगे मौसम का...
जो रंग है भीगे मौसम का...
उस रंग में दोनों आज मिलें

जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू
जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू

कभी गीत लगे, कभी ग़ज़ल
कभी गीत लगे, कभी ग़ज़ल
आशिक़ शायर का ख़ाब है तू

जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू
जिसे चुपके-चुपके पढ़ता हूँ
वो प्यार की सच्ची किताब है तू



Credits
Writer(s): Shyam Surinder, Rani Malik, Deepak Chaudhary, Madan Pal, Zameer Qazmi, Satish
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