Tujhko Saanson Mein Basane Ki Kasam Khai Hai

तुझको साँसों में बसाने की क़सम खाई है
तुझको साँसों में बसाने की क़सम खाई है

मैंने तो प्यार निभाने की
मैंने तो प्यार निभाने की
क़सम खाई है, क़सम खाई है
क़सम खाई है, क़सम खाई है

फूल है तू मेरे सपनों की हरी डाली का
फूल है तू मेरे सपनों की हरी डाली का
मैंने प्यार की रुत में तुझे, ऐ, जान-ए-वफ़ा
अपनी जुल्फ़ों में, अपनी ज़ुल्फ़ों में
सजाने की क़सम खाई है

मैंने तो प्यार निभाने की
हाँ, मैंने तो प्यार निभाने की
क़सम खाई है, क़सम खाई है
क़सम खाई है, क़सम खाई है

अपनी आँखों में सजा रखे हैं अरमाँ मैंने
अपनी आँखों में सजा रखे हैं अरमाँ मैंने
आ, मेरे सामने आजा कि मेरी जाँ मैंने
तुझको सीने से...
तुझको सीने से लगाने की क़सम खाई है

मैंने तो प्यार निभाने की
मैंने तो प्यार निभाने की
क़सम खाई है, क़सम खाई है
क़सम खाई है, क़सम खाई है

तुझको साँसों में बसाने की क़सम खाई है
मैंने तो प्यार निभाने की
मैंने तो प्यार निभाने की
क़सम खाई है, क़सम खाई है
क़सम खाई है, क़सम खाई है

क़सम खाई है, क़सम खाई है
क़सम खाई है, क़सम खाई है



Credits
Writer(s): Qateel Shifai
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