Agar Tum Saath Ho Unplugged

पल-भर ठहर जाओ, दिल ये सँभल जाए
कैसे तुम्हें रोका करूँ?
मेरी तरफ़ आता हर ग़म फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूँ
बिन बोले बातें तुम से करूँ

'गर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो

तेरी नज़रों में हैं तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़ी
मुझे लगता है कि बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोखेबाज़ी

तुम साथ हो या ना हो, क्या फ़र्क़ है?
बेदर्द थी ज़िंदगी, बेदर्द है

अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो

बहती रहती
नहर-नदिया सी तेरी दुनिया में
मेरी दुनिया है तेरी चाहतों में
मैं ढल जाती हूँ तेरी आदतों में

'गर तुम साथ हो
'गर तुम साथ हो

पलकें झपकते ही दिन ये निकल जाए
बैठी-बैठी भागी फिरूँ
मेरी तरफ़ आता हर ग़म फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूँ
बिन बोले बातें तुम से करूँ

'गर तुम साथ हो
'गर तुम साथ हो

तेरी नज़रों में हैं तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़ी
मुझे लगता है के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोखेबाज़ी

तुम साथ हो या ना हो, क्या फ़र्क है?
बेदर्द थी ज़िंदगी, बेदर्द है

अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
हर ग़म फिसल जाए

Thank you, thank you



Credits
Writer(s): A. R. Rahman, Irshad Kamil, Abhijit Sharad Vaghani
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