Keh Ke Lunga

ओ रस भीगे सौदे का ये खूनी अंजाम
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा
खंजर से दूध गिरे ओर हो कत्ल-ए-आम
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा

ओ रस भीगे सौदे का ये खूनी अंजाम
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा
खंजर से दूध गिरे ओर हो कत्ल-ए-आम
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा

साँसों को सांप सुंघा के, जंगली तिलचट्टा ला के
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा
बिच्छू से होठ कटा के, लोरी ज़हरीली गा के
कह के लूँगा, कह के लूँगा, कह के लूँगा...
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा
पनघट को बेचूँगा मैं मरघट के दाम
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा

खुल्ली हो सड़के, तम्बू, थाने
चाहे मिल-विल हो या बाज़ महेकमा, महेकमा
जिसमें बचना हो बच ले
जिसमें बचना हो बच ले, बच मेरी जान
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा

जा तू जा, जा तू जा
जा तू चादरिया नती, सागर बीच बजारिया
पाताल में घुस जा, ओ घुस जा
जिसमे घुसना हो घुस ले, जिसमे घुसना हो घुस ले
जिसमे घुसना हो घुस ले, घुस मेरी जान
तेरी केह के लूँगा, तेरी केह के लूँगा
केह के लूँगा...



Credits
Writer(s): Piyush Mishra, Sneha Khanwalkar
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