Adayein Bhi Hain Mohabbat Bhi Hai

अदाएँ भी हैं, मोहब्बत भी है
शराफ़त भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन, वो ज़ालिम अदा
शरारत भी है मेरे महबूब में

अदाएँ भी हैं, मोहब्बत भी है
नज़ाकत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन, वो मासूमियत
शरारत भी है मेरे महबूब में

ना पूछो मेरा दिल कहाँ खो गया
तुझे देखते ही तेरा हो गया
आँखों में तू, मेरे ख़्वाबों में तू है
यादों के महके गुलाबों में तू है

वो सहमी नज़र, वो कमसिन उमर
चाहत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन, वो मासूमियत
शरारत भी है मेरे महबूब में

साँसों की बहकी लहर रुक गई
मुझे शर्म आई, नज़र झुक गई
कि हम उनके कितने क़रीब आ गए
ये सोच के हम तो घबरा गए

वो बाँकपन, वो दीवानगी
इनायत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन, वो ज़ालिम अदा
शरारत भी है मेरे महबूब में

मोहब्बत की दुनिया बसाने चला
मैं तेरे लिए सब भुलाने चला
ख़ुशबू कोई उस की बातों में है
हर फ़ैसला उस के हाथों में है

वो महका बदन, वो शर्मीलापन
नज़ाकत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन, वो ज़ालिम अदा
शरारत भी है मेरे महबूब में

अदाएँ भी हैं, मोहब्बत भी है
नज़ाकत भी है मेरे महबूब में



Credits
Writer(s): Sameer
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link