Ye Do Dil Hai Chanchal

ये दो दिल हैं चंचल हवाओं के झोंके
इन्हें कौन बाँधे, इन्हें कौन रोके
ये दो दिल हैं चंचल हवाओं के झोंके
इन्हें कौन बाँधे, इन्हें कौन रोके

कभी चल दिए हम घटाओं के पीछे
कभी रह गए हैं बहारों में खो के
इन्हें कौन बाँधे, इन्हें कौन रोके

किरण भोर की मेरी बिंदिया बनेगी
किरण भोर की मेरी बिंदिया बनेगी
मेरी माँग में साँझ लाली भरेगी, लाली भरेगी

तेरे संग चली मैं ये सपने सँजो के
तेरे संग चली मैं ये सपने सँजो के
हमें कौन बाँधे, हमें कौन रोके
हमें कौन बाँधे, हमें कौन रोके

लगूँ अंग जो मैं, बनूँ तेरा गहना
जो काजल बनूँ, चूम लूँ तेरे नैना
लगूँ अंग जो मैं, बनूँ तेरा गहना
जो काजल बनूँ, चूम लूँ तेरे नैना

कभी मैं ये सोचूँ, कभी मन ये सोचे
कभी मैं ये सोचूँ, कभी मन ये सोचे
हमें कौन बाँधे, हमें कौन रोके
हमें कौन बाँधे, हमें कौन रोके

जहाँ जाऊँगी, संग तुझे ले चलूँगी
जहाँ जाऊँगी, संग तुझे ले चलूँगी
तुझे अपने आँचल से बाँधे रहूँगी, बाँधे रहूँगी

कहाँ जाएगा तू मेरे मन से हो के?
कहाँ जाएगा तू मेरे मन से हो के?
हमें कौन बाँधे, हमें कौन रोके
हमें कौन बाँधे, हमें कौन रोके
हमें कौन बाँधे, हमें कौन रोके



Credits
Writer(s): Naqsh Layalpuri
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