Beqaraar Dil - From "Paharganj"

लगी, बुझे नहीं, कैसी ये आग है?
सूझे कुछ नहीं, कैसी ये आस है?
Hmm, लगी, बुझे नहीं, कैसी ये आग है?
सूझे कुछ नहीं, कैसी ये आस है?
है क्या ढूँढता फिर यहाँ, यहाँ?

ऐ बेक़रार दिल, ज़रा बहकना
ना ग़म, ना ग़ुमाँ, ज़रा महकना
है रंगीनियों में डूबा जहाँ
तू इस लम्हे में समा, ऐ बेक़रार दिल

है रात ये जगी सी, हैरत ने ठगी सी
छुपी हुई हैं परछाइयाँ
है बात अनकही सी, और कुछ है कही सी
भुला दो ज़रा परेशानियाँ

ख़्वाबों को जी ले, हाँ, इस पल में
बाँहों में आज को भर ले
अपनी हदों से बढ़ के
तू खुद ही को आज़मा ले यहाँ

ऐ बेक़रार दिल, ज़रा बहकना
ना ग़म, ना ग़ुमाँ, ज़रा महकना
है रंगीनियों में डूबा जहाँ
तू इस लम्हे में समा, ऐ बेक़रार दिल

ऐ बेक़रार दिल
ऐ बेक़रार दिल
ऐ बेक़रार दिल

रातें ये चली-चली, रातें ये थमी-थमी
खुश दिलकश सा ये समाँ
रौनक हँसी लिए, सरों पे ज़मीं लिए
पूछो सितारों से अपना पता

ख़्वाहिशों को ख़रच ले, मौज जेब में भर ले
ये जो हैं फ़ासले, हैं ना क्यूँ मंज़िलों से ख़फ़ा?

ऐ बेक़रार दिल, ज़रा बहकना
ना ग़म, ना ग़ुमाँ, ज़रा महकना
है रंगीनियों में डूबा जहाँ
तू इस लम्हे में समा, ऐ बेक़रार दिल

ऐ बेक़रार दिल
ऐ बेक़रार दिल
ऐ बेक़रार दिल



Credits
Writer(s): Ajay Singha, Shailender Sodhi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link