Saawan Ke Jhoolon Ne

सावन के झूलों ने मुझ को बुलाया
सावन के झूलों ने मुझ को बुलाया
मैं परदेसी घर वापस आया

काँटों ने, फूलों ने मुझ को बुलाया
काँटों ने, फूलों ने मुझ को बुलाया
मैं परदेसी घर वापस आया

याद बड़ी एक मीठ्ठी आई
हो-ओ-ओ, याद बड़ी एक मीठ्ठी आई
उड़ के ज़रा सी मिट्टी आई
हो-ओ-ओ, नाम मेरे एक चिट्ठी आई, चिट्ठी आई

जिसने मेरे दिल को धड़काया
मैं परदेसी घर वापस आया
सावन के झूलों ने मुझ को बुलाया
मैं परदेसी घर वापस आया

सपनों में आई इक हसीना
हो-ओ-ओ, सपनों में आई इक हसीना
नींद चुराई, मेरा चैन भी छीना
कर दिया मुश्किल मेरा जीना

याद जो आया उस की ज़ुल्फ़ों का साया
मैं परदेसी घर वापस आया
सावन के झूलों ने मुझ को बुलाया
मैं परदेसी घर वापस आया

कैसी अनोखी ये प्रेम कहानी?
कैसी अनोखी ये प्रेम कहानी?
अनसुनी, अनदेखी, अनजानी
अनसुनी, अनदेखी, अनजानी
ओ, मेरे सपनों की रानी

होंठों पे तेरे मेरा नाम जो आया
मैं परदेसी घर वापस आया
सावन के झूलों ने मुझ को बुलाया
मैं परदेसी घर वापस आया

काँटों ने, फूलों ने मुझ को बुलाया
काँटों ने, फूलों ने मुझ को बुलाया
मैं परदेसी घर वापस आया
मैं परदेसी घर वापस आया



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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