Deti Hain Jaan Mujh Pe

देती हैं जान मुझपे शहर की लड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, लड़कियाँ)
जाऊँ जिधर से खुली रखती हैं खिड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, खिड़कियाँ)

देखूँ, जहाँ देखूँ मैं, दिलरुबा
आती हैं यही बस एक सदा
आजा-आजा, आजा-आजा, आजा-आजा

लड़कियाँ, लड़कियाँ
लड़कियाँ, लड़कियाँ

देती हैं जान मुझपे शहर की लड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, लड़कियाँ)
जाऊँ जिधर से खुली रखती हैं खिड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, खिड़कियाँ)

(अरे, ओ छछूंदर)
(मेरी गली में मत आना कबूतर)
(क-क-कहीं मेरी पोती भी हो जाए ना छू-मंतर)

मेरा कहना मानो, यारों
दिलकश नाज़नीनों का, मैं राजा हसीनों का
हर लड़की के होंठों पे मेरी दास्ताँ
मैं आशिक़ आवारा, मैं तो हूँ बंजारा

लड़कियाँ, लड़कियाँ
लड़कियाँ, लड़कियाँ

देती हैं जान मुझपे शहर की लड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, लड़कियाँ)
जाऊँ जिधर से खुली रखती हैं खिड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, खिड़कियाँ)

नख़रें वाली, गोरी, काली
सब मेरी दीवानी हैं, मेरी प्रेम कहानी हैं
मेरे ही चर्चें हैं जाऊँ मैं जहाँ
मैं भँवरा कलियों का, मैं राही गलियों का

लड़कियाँ, लड़कियाँ
लड़कियाँ, लड़कियाँ

देती हैं जान मुझपे शहर की लड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, लड़कियाँ)
जाऊँ जिधर से खुली रखती हैं खिड़कियाँ
(याँ-याँ-याँ, खिड़कियाँ)

देखूँ, जहाँ देखूँ मैं, दिलरुबा
आती हैं यही बस एक सदा
आजा-आजा, आजा-आजा, आजा-आजा

लड़कियाँ, लड़कियाँ
लड़कियाँ, लड़कियाँ

देती हैं जान मुझपे शहर की लड़कियाँ
(तो मैं क्या करूँ? It's not my problem)
जाऊँ जिधर से खुली रखती हैं खिड़कियाँ
(वो मेरे पीछे पागल हैं, what can I do, यार?)



Credits
Writer(s): Traditional, Bhushan Dua
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